दिल्ली सरकार ने 1 जुलाई 2025 से लागू की गई पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध नीति पर फिलहाल रोक लगा दी है। इस नीति के अनुसार, 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को ईंधन भरवाने से रोका जाना था। लेकिन जनता के भारी विरोध और सिस्टम में आई तकनीकी खामियों को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय वापस ले लिया है।
इस नीति का उद्देश्य दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना था। हालांकि, वाहन मालिकों ने तर्क दिया कि उन्होंने 15 वर्षों का रोड टैक्स भरा है, तो फिर 10 वर्षों में ही उनका वाहन जब्त या स्क्रैप कैसे किया जा सकता है? साथ ही कई गाड़ियों की हालत अच्छी होने के बावजूद केवल उम्र के आधार पर कार्रवाई को अन्यायपूर्ण बताया गया।
सोशल मीडिया पर कई उदाहरण वायरल हुए, जिनमें एक अच्छी स्थिति में चल रही 16 साल पुरानी Mercedes कार को स्क्रैप किया गया। इससे जनता में काफी रोष उत्पन्न हुआ।
इसके अलावा, पेट्रोल पंपों पर लगे ANPR (Automatic Number Plate Recognition) कैमरों में तकनीकी गड़बड़ियों के चलते गलत गाड़ियों की पहचान की जा रही थी, जिससे निर्दोष वाहन मालिकों पर कार्रवाई हो रही थी।
अब दिल्ली की पर्यावरण मंत्री रेखा गुप्ता ने स्पष्ट किया है कि सरकार सभी पुरानी गाड़ियों को जबरन स्क्रैप नहीं करेगी। अब केवल उन्हीं गाड़ियों पर कार्रवाई होगी जो असल में प्रदूषण फैला रही हैं। इसके लिए फिटनेस आधारित प्रणाली पर काम किया जाएगा और तकनीकी खामियों को दूर किया जाएगा।
सरकार अब इस दिशा में काम करेगी कि वाहन मालिकों को पहले से सूचना दी जाए, ANPR सिस्टम को अपग्रेड किया जाए और बिना कारण किसी भी वाहन पर कार्रवाई न हो।
निष्कर्ष:
दिल्ली सरकार ने जनविरोध और सिस्टम की समस्याओं को देखते हुए अपनी पुरानी गाड़ियों पर आधारित नीति में बदलाव लाने का फैसला किया है। अब उम्र के बजाय गाड़ी की वास्तविक स्थिति और प्रदूषण स्तर को आधार बनाया जाएगा।