केदारनाथ, उत्तराखंड | 17 जून 2025 — केदारनाथ से गुप्तकाशी जा रहा एक हेलिकॉप्टर 15 जून को गौरीकुंड के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें सवार सभी 7 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में छह तीर्थयात्री और एक पायलट शामिल हैं। हेलिकॉप्टर आग की चपेट में आ गया और मौके पर ही सबकी जान चली गई।
यह बेल 407 हेलिकॉप्टर आर्यन एविएशन कंपनी द्वारा संचालित किया जा रहा था। उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद इसका संपर्क नियंत्रण कक्ष से टूट गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अचानक घना कोहरा छा गया जिससे दृश्यता शून्य हो गई और पायलट को रिएक्ट करने का समय नहीं मिला।
सरकारी कार्रवाई और जांच
इस हादसे के बाद उत्तराखंड हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। साथ ही, तीर्थयात्रा सीज़न के दौरान केदारनाथ और आसपास के क्षेत्रों में हेलिकॉप्टर सेवाएं फिलहाल निलंबित कर दी गई हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, “तीर्थयात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार जल्द ही नई उड्डयन सुरक्षा नीति लागू करेगी।”
पायलट को जयपुर में अंतिम श्रद्धांजलि
सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान को 17 जून को जयपुर में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। वे एक अनुभवी फौजी पायलट थे। उनकी पत्नी लेफ्टिनेंट कर्नल दीपिका चौहान ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी।
नई सुरक्षा गाइडलाइन्स लागू
दुर्घटना के बाद सरकार ने निम्नलिखित नई गाइडलाइन्स जारी की हैं:
खराब मौसम में हेलिकॉप्टर उड़ान पर रोक
केवल अनुभवी “वैली फ्लाइंग” प्रमाणित पायलटों को उड़ान की अनुमति
सभी हेलिकॉप्टरों की नियमित तकनीकी जांच अनिवार्य
नियमों का उल्लंघन करने पर तत्काल निलंबन
एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समिति का गठन
डीजीसीए (DGCA) ने भी दुर्घटना की तकनीकी जांच शुरू कर दी है।
निष्कर्ष
यह हादसा फिर एक बार यह दर्शाता है कि पर्वतीय क्षेत्रों में हवाई सेवाएं अत्यंत जोखिम भरी हो सकती हैं। जहां एक ओर तीर्थयात्रियों को तीव्र यात्रा की सुविधा चाहिए, वहीं उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता देना अब अत्यंत आवश्यक हो गया है।