अंतरिक्ष से बिना इंटरनेट वीडियो कॉल कैसे होती है? जानिए इसके पीछे की पूरी तकनीक

क्या आपने कभी सोचा है कि अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर अपने परिवार और वैज्ञानिक केंद्रों से वीडियो कॉल कैसे करते हैं, वो भी बिना किसी सार्वजनिक इंटरनेट के? यह एक रोचक तकनीकी रहस्य है जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।

🛰️ विशेष सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) NASA के Tracking and Data Relay Satellite System (TDRSS) का उपयोग करता है। यह एक विशेष भूस्थैतिक सैटेलाइट नेटवर्क है जो वीडियो, डेटा और ऑडियो को सीधे पृथ्वी के ग्राउंड स्टेशनों तक पहुंचाता है।

यह नेटवर्क पूरी तरह से निजी और सुरक्षित होता है, और यह सामान्य इंटरनेट से बिल्कुल अलग होता है।

💻 वीडियो कॉलिंग के लिए विशेष सॉफ्टवेयर

अंतरिक्ष यात्रियों को Microsoft NetMeeting, NASA के इन-हाउस सिस्टम या VSee जैसे सुरक्षित वीडियो कॉलिंग टूल्स दिए जाते हैं। ये सभी सॉफ्टवेयर अंतरिक्ष में लेटेंसी और सिग्नल रुकावट को ध्यान में रखकर तैयार किए जाते हैं।

⏱️ डेटा लेटेंसी और बैंडविड्थ

हालांकि सैटेलाइट नेटवर्क की स्पीड बहुत अधिक होती है, लेकिन सिग्नल को पृथ्वी तक पहुंचने में लगभग 1 से 2 सेकंड का समय लगता है। इससे थोड़ी बहुत देरी होती है, लेकिन सिस्टम इसे हैंडल करने के लिए डिजाइन किया गया है।

📡 बिना मोबाइल नेटवर्क के सीधा सैटेलाइट कॉल

हाल ही में Vodafone और AST SpaceMobile जैसी कंपनियों ने स्मार्टफोन से सीधे सैटेलाइट के जरिए वीडियो कॉलिंग सफलतापूर्वक की है। इससे पता चलता है कि आने वाले समय में बिना नेटवर्क टॉवर के भी सैटेलाइट से कॉलिंग संभव हो सकेगी।

🔚 निष्कर्ष

अंतरिक्ष में मौजूद अंतरिक्ष यात्री इंटरनेट के पारंपरिक माध्यम का उपयोग नहीं करते। वे NASA के सुरक्षित सैटेलाइट नेटवर्क और विशेष सॉफ्टवेअर के माध्यम से पृथ्वी से संपर्क साधते हैं। और अब यही तकनीक आम लोगों तक भी पहुंचने वाली है।

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