देवशयनी एकादशी, जिसे आषाढ़ी एकादशी या हरिशयनी एकादशी भी कहा जाता है, हर साल आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह तिथि हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र मानी जाती है। इस दिन से भगवान विष्णु क्षीर सागर में योगनिद्रा में चले जाते हैं और चातुर्मास की शुरुआत होती है। इस अवधि में विवाह जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते।
देवशयनी एकादशी 2025 की तिथि व मुहूर्त
- एकादशी तिथि प्रारंभ: 05 जुलाई 2025, शाम 06:58 बजे
- एकादशी तिथि समाप्त: 06 जुलाई 2025, शाम 09:14 बजे
- व्रत तिथि: 06 जुलाई 2025 (शनिवार)
देवशयनी एकादशी 2025 व्रत पारण का समय
व्रत पारण तिथि: 07 जुलाई 2025
पारण का शुभ समय: सुबह 05:29 बजे से 08:16 बजे तक
इस मुहूर्त के दौरान व्रती व्रत का पारण कर सकते हैं।
पंचांग विवरण (06 जुलाई 2025)
- सूर्योदय: 05:29 AM
- सूर्यास्त: 07:23 PM
- चंद्रोदय: 03:38 PM
- चंद्रास्त: 02:07 AM
- ब्रह्म मुहूर्त: 04:08 AM – 04:48 AM
- विजय मुहूर्त: 02:45 PM – 03:40 PM
- गोधूलि मुहूर्त: 07:21 PM – 07:42 PM
- निशीथ काल: 12:06 AM – 12:46 AM
देवशयनी एकादशी के दिन क्या करें और क्या न करें
- तुलसी के पत्ते न तोड़ें, इससे मां लक्ष्मी अप्रसन्न हो सकती हैं।
- काले रंग के कपड़े न पहनें।
- घर को साफ-सुथरा रखें और सकारात्मक वातावरण बनाए रखें।
- किसी के लिए मन में बुरे विचार न लाएं।
देवशयनी एकादशी का आध्यात्मिक महत्व
देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु की शयनावस्था आरंभ होती है, जो देवउठनी एकादशी तक रहती है। इस दौरान साधक उपवास, भक्ति और संयम के साथ आत्मशुद्धि की साधना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारियां धार्मिक ग्रंथों, पंचांग और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित हैं। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी धार्मिक क्रिया से पहले अपने गुरुओं या पंडित से सलाह लें।