महाराष्ट्र सरकार ने एक बड़े बुनियादी ढांचे के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में नागपुर से गोवा को जोड़ने वाले शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए ₹20,787 करोड़
📍 प्रमुख विशेषताएं
- लंबाई: 802.6 किलोमीटर
- कुल लागत: ₹20,787 करोड़
- क्रियान्वयन एजेंसी: महाराष्ट्र राज्य रस्ते विकास महामंडळ (MSRDC)
- निर्माण पूर्ण होने की अनुमानित अवधि: वर्ष 2028–2029 तक
यह एक्सेस-कंट्रोल्ड छह लेन एक्सप्रेसवे वर्धा जिले के पवनार से शुरू होकर सिंधुदुर्ग के पतरादेवी तक जाएगा, जो गोवा की सीमा से सटा हुआ क्षेत्र है। यह वर्धा, यवतमाल, हिंगोली, नांदेड, परभणी, बीड, लातूर, धाराशिव, सोलापुर, सांगली, कोल्हापुर और सिंधुदुर्ग जैसे जिलों से होकर गुजरेगा।
🛕 धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
यह एक्सप्रेसवे केवल परिवहन मार्ग ही नहीं बल्कि एक धार्मिक और सांस्कृतिक यात्रा मार्ग के रूप में भी विकसित किया जाएगा। यह कई प्रमुख तीर्थस्थलों को जोड़ेगा:
- तुलजापुर भवानी मंदिर
- अंबाजोगाई योगेश्वरी मंदिर
- कोल्हापुर महालक्ष्मी मंदिर
- पंढरपुर विठोबा-रुक्मिणी मंदिर
- आंढा नागनाथ व परळी वैजनाथ जैसे ज्योतिर्लिंग
- महूर रेणुका देवी मंदिर
- औदुंबर जैसे दत्तात्रेय पीठ
इस मार्ग के शुरू होने से नागपुर से गोवा की यात्रा का समय 18 घंटे से घटकर 8 घंटे हो जाएगा, जिससे तीर्थ पर्यटन और स्थानीय आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा।
💰 वित्त पोषण और भूमि अधिग्रहण
परियोजना के लिए सरकार HUDCO से ₹12,000 करोड़ का ऋण लेगी, जो भूमि अधिग्रहण के लिए उपयोग किया जाएगा। शेष राशि निर्माण लागत और ब्याज भुगतान में खर्च होगी। इसके लिए लगभग 7,500 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जाएगी।
🌾 विरोध और मार्ग में बदलाव
इस परियोजना को लेकर कुछ इलाकों में किसानों का विरोध देखा जा रहा है, विशेषकर कोल्हापुर और मराठवाड़ा में। किसान भूमि अधिग्रहण में पारदर्शिता और उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं। सरकार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सार्वजनिक चर्चा और मार्ग पुनर्निर्धारण की प्रक्रिया शुरू की है, खासकर सांगली और सिंधुदुर्ग के बीच के हिस्से में।
🏗️ अधोसंरचना और विकास की दृष्टि
यह परियोजना महाराष्ट्र सरकार की सड़क नेटवर्क सुधार और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की रणनीति का हिस्सा है। यह समृद्धि महामार्ग (मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे) की तर्ज पर बनाया जाएगा, जिसने पहले ही यात्रा को तेज और सुरक्षित बनाया है।
🔚 निष्कर्ष
शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे को मंजूरी मिलना महाराष्ट्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जो न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच संतुलित विकास सुनिश्चित करेगा। हालांकि, परियोजना की सफलता इस पर निर्भर करेगी कि सरकार स्थानीय समुदायों की चिंताओं को कितनी संवेदनशीलता से संभालती है।