महाराष्ट्र सरकार ने 2025 की इंजीनियरिंग प्रवेश प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। ये बदलाव केंद्रीय प्रवेश प्रक्रिया (CAP) और मैनेजमेंट कोटा दोनों को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के उद्देश्य से लाए गए हैं। इससे छात्रों को अधिक अवसर मिलेंगे और कॉलेजों में मनमानी रोकने में मदद मिलेगी।
🔹 अब होंगे 4 CAP राउंड
पहले जहां सिर्फ 3 CAP राउंड होते थे, अब उन्हें बढ़ाकर 4 कर दिया गया है। इससे छात्रों को केंद्रीय प्रणाली के माध्यम से प्रवेश पाने के लिए एक अतिरिक्त मौका मिलेगा और मैनेजमेंट कोटा पर निर्भरता कम होगी।
🔹 हर राउंड में सीट कन्फर्मेशन जरूरी
- राउंड 1: पहली पसंद मिलने पर सीट कन्फर्म करना अनिवार्य होगा।
- राउंड 2: अगर टॉप 3 विकल्पों में से कोई मिलता है, तो कन्फर्मेशन जरूरी होगा।
- राउंड 3: टॉप 6 विकल्पों में से सीट मिलने पर भी कन्फर्म करना होगा।
- राउंड 4: जो भी सीट मिलेगी, उसे स्वीकार करना अनिवार्य होगा।
इस नियम से सीट ब्लॉक करने की प्रथा रुकेगी और दूसरी सीटें जल्द ही अन्य छात्रों को उपलब्ध होंगी।
🔹 मैनेजमेंट और इंस्टीट्यूशनल कोटा में पारदर्शिता
अब कॉलेजों के 20% इंस्टीट्यूशनल और मैनेजमेंट कोटा की सीटें भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से भरी जाएंगी। कॉलेजों को पात्र छात्रों की मेरिट लिस्ट प्रकाशित करनी होगी और चयन की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रखनी होगी।
इसके अलावा, फीस पर भी नियंत्रण लगाया गया है – मैनेजमेंट कोटा की फीस सामान्य फीस से अधिकतम 3 गुना और NRI सीटों की फीस 5 गुना तक हो सकती है।
🔹 पात्रता और नियम
सामान्य इंजीनियरिंग प्रवेश के लिए PCM में न्यूनतम 50% अंक (आरक्षित वर्ग के लिए 45%) जरूरी हैं। डिप्लोमा से डिग्री (लेटरल एंट्री) के लिए 60% अंक अनिवार्य हैं।
🔹 इन सुधारों का उद्देश्य
इन बदलावों का उद्देश्य अनियमितताओं को रोकना, सीट ब्लॉकिंग को खत्म करना और मैनेजमेंट कोटे में पारदर्शिता लाना है। इससे छात्रों को योग्यता के आधार पर अधिक अवसर मिलेंगे और महाविद्यालयों को नियमों के अनुसार प्रवेश प्रक्रिया चलानी होगी।
✅ छात्रों के लिए ज़रूरी सुझाव
- आधिकारिक MAHACET पोर्टल पर समय-समय पर CAP शेड्यूल की जांच करें।
- प्राथमिकता फॉर्म सावधानी से भरें और कन्फर्मेशन नियमों को समझें।
- मैनेजमेंट कोटा के लिए सीधे आवेदन न कर सकें तो ऑनलाइन विकल्प का उपयोग करें।
- सभी दस्तावेज़ और पात्रता शर्तें समय पर पूरी करें।
इन सुधारों के साथ, महाराष्ट्र की इंजीनियरिंग प्रवेश प्रक्रिया अब और अधिक पारदर्शी, न्यायपूर्ण और छात्रहित में हो गई है। छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे हर चरण में सही निर्णय लें और सभी अवसरों का पूरा लाभ उठाएं।