महाराष्ट्र की सभी स्कूलों के लिए नया टाइमटेबल लागू — पहली कक्षा से तीसरी भाषा अनिवार्य, कक्षाएं होंगी 35 मिनट की


महाराष्ट्र सरकार ने राज्य की सभी शासकीय और अनुदानित स्कूलों के लिए नया टाइमटेबल लागू कर दिया है, जो शैक्षणिक सत्र 2025-26 से प्रभावी होगा। यह बदलाव प्राथमिक कक्षा 1 से शुरू होकर हर वर्ष उच्च कक्षाओं में क्रमशः लागू किया जाएगा। यह निर्देश SCERT पुणे द्वारा 18 जून को जारी किया गया है।


📘 प्रमुख बदलाव क्या हैं?

✅ पहली कक्षा से तीसरी भाषा अनिवार्य

अब पहली कक्षा से ही तीसरी भाषा पढ़ाई जाएगी। पहले यह व्यवस्था पांचवीं कक्षा से लागू थी। यह भाषा हिंदी हो सकती है, जब तक कि कक्षा में 20 या उससे अधिक छात्र कोई अन्य भाषा चुनें।

⏱️ कक्षा अवधि अब 35 मिनट

पहले एक कक्षा 50 से 60 मिनट की होती थी, लेकिन अब इसे घटाकर 35 मिनट कर दिया गया है। जरूरत पड़ने पर दो कक्षाओं को मिलाकर विषय पढ़ाने की अनुमति दी गई है।

🎨 कला, खेल और कार्य शिक्षा के घंटों में कटौती

तीसरी भाषा के लिए समय निकालने हेतु कला, शारीरिक शिक्षा और कार्य शिक्षा के घंटों में काफी कटौती की गई है। जैसे कि कला शिक्षा के सालाना 144 घंटे अब घटाकर 81.7 घंटे कर दिए गए हैं।

📆 210 शैक्षणिक दिन निर्धारित

सालभर में 35 सप्ताह और 210 शैक्षणिक दिन तय किए गए हैं। बाकी दिन परीक्षाओं, सह-शैक्षणिक गतिविधियों और छुट्टियों के लिए रखे जाएंगे।


📌 शिक्षक और अभिभावकों के लिए महत्वपूर्ण बातें

  • त्वरित अमल की जरूरत: चूंकि कई स्कूलों में सत्र शुरू हो चुका है, नए टाइमटेबल के अनुसार तुरंत बदलाव करना जरूरी होगा।
  • समग्र विकास पर असर: विशेषज्ञों का मानना है कि कला और खेल की अवधि घटने से छात्रों के रचनात्मक और शारीरिक विकास पर असर पड़ सकता है।
  • NCF के विपरीत कदम: राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCF) ने तीसरी भाषा को पहली कक्षा में अनिवार्य नहीं किया था, फिर भी राज्य सरकार ने इसे लागू किया है।

🔍 नया टाइमटेबल: तुलना सारणी

बिंदु पहले अब तीसरी भाषा पाँचवीं कक्षा से पहली कक्षा से कक्षा अवधि 50-60 मिनट 35 मिनट कला शिक्षा 144 घंटे/वर्ष 81.7 घंटे/वर्ष शैक्षणिक दिन लगभग 210 दिन/वर्ष 210 दिन/वर्ष


निष्कर्ष:
नया टाइमटेबल शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव है, जो भाषा कौशल को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखता है। हालांकि, इससे रचनात्मकता और खेल-कूद में कटौती का खतरा भी जुड़ा है। यह समय है जब शिक्षक, अभिभावक और प्रशासन मिलकर संतुलन स्थापित करें।
स्रोत: SCERT महाराष्ट्र, राज्य शिक्षा निदेशालय, TOI


स्रोत: SCERT महाराष्ट्र, राज्य शिक्षा निदेशालय, TOI

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