दिग्गज टेक कंपनी Meta अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्षमताओं को और आगे बढ़ाने के लिए PlayAI नामक वॉइस AI स्टार्टअप का अधिग्रहण करने की योजना बना रही है। इसके साथ ही, कंपनी ने OpenAI के टॉप रिसर्चर्स को भी अपनी सुपरइंटेलिजेंस टीम में शामिल कर लिया है, जिससे यह स्पष्ट है कि Meta अब AI रेस में तेजी से आगे बढ़ रही है।
🔊 क्या है PlayAI?
PlayAI अमेरिका के पालो अल्टो स्थित एक स्टार्टअप है जो वॉइस क्लोनिंग और रीयल टाइम आवाज़ की नकल जैसी तकनीकों पर काम करता है। इसकी मदद से किसी भी व्यक्ति की आवाज़ को बेहद प्राकृतिक और सटीक तरीके से दोहराया जा सकता है। Meta इस तकनीक का उपयोग अपने स्मार्टग्लासेस, वर्चुअल असिस्टेंट्स और AI सिस्टम्स में करना चाहती है।
🤝 अधिग्रहण प्रक्रिया में प्रगति
सूत्रों के अनुसार, Meta और PlayAI के बीच अधिग्रहण की बातचीत अंतिम चरण में है। अगर यह डील पूरी होती है, तो Meta को PlayAI की तकनीक के साथ-साथ उसकी इंजीनियरिंग टीम भी मिल सकती है। इससे Meta की वॉइस AI क्षमता और अधिक मजबूत होगी।
🧠 OpenAI से टॉप रिसर्चर्स की भर्ती
Meta ने OpenAI के तीन प्रमुख शोधकर्ताओं — लुकास बेयर, अलेक्जेंडर कोलेसनिकोव और झाई — को अपने सुपरइंटेलिजेंस प्रोजेक्ट के लिए भर्ती किया है। इन रिसर्चर्स ने OpenAI के प्रमुख मॉडल्स के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, Meta इन विशेषज्ञों को भारी सैलरी पैकेज और ज़ुकरबर्ग की निजी अप्रोच के ज़रिये आकर्षित कर रहा है।
🚀 Meta का सुपरइंटेलिजेंस मिशन
Meta का लक्ष्य है एक ऐसा सुपरइंटेलिजेंट AI विकसित करना जो मानव स्तर से भी आगे की सोच और निर्णय ले सके। इसके लिए कंपनी टैलेंट हंट, टेक्नोलॉजी अधिग्रहण और डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर पर भारी निवेश कर रही है। हाल ही में Meta ने Scale AI में भी 49% हिस्सेदारी खरीदी है।
📈 रणनीतिक महत्व
अगर Meta का PlayAI के साथ सौदा तय होता है, तो यह कंपनी को वॉइस AI टेक्नोलॉजी में अन्य कंपनियों जैसे OpenAI, Google और Amazon पर बढ़त दिला सकता है। PlayAI की तकनीक को Meta के Llama AI मॉडल्स के साथ मिलाकर एक इंसान जैसी बातचीत करने वाला वर्चुअल असिस्टेंट बनाया जा सकता है।
🧩 चुनौतियाँ भी मौजूद
इस पूरे मिशन में Meta को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है:
- वॉइस क्लोनिंग से जुड़े गोपनीयता और दुरुपयोग के खतरे।
- प्रस्तावित अधिग्रहणों पर नियामकीय जांच।
- AI सुपरइंटेलिजेंस पर Meta के भीतर ही मतभेद — जैसे कि Chief AI Scientist यान लेकन का विरोध।
फिर भी, Meta की आक्रामक रणनीति यह दिखाती है कि वह अब केवल सोशल मीडिया कंपनी नहीं, बल्कि AI के भविष्य को आकार देने वाली टेक दिग्गज बनना चाहती है।