कनाडा के कानानास्किस में G7 शिखर सम्मेलन 2025 की शुरुआत हो चुकी है, जिसमें विश्व के प्रमुख नेताओं के साथ-साथ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिस्सा ले रहे हैं। इस बार के सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), व्यापार और वैश्विक सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हो रही है।
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की अध्यक्षता में आयोजित इस सम्मेलन में पीएम मोदी का आगमन भारत की वैश्विक भूमिका को दर्शाता है। यह मोदी का G7 में छठा लगातार भागीदारी है, जो भारत के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय प्रभाव का संकेत देता है।
इस बीच, मध्य पूर्व में इज़राइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सम्मेलन से पहले ही लौट गए हैं। जाने से पहले उन्होंने G7 देशों के साथ मिलकर इज़राइल के समर्थन में बयान दिया और ईरान की गतिविधियों की निंदा की। नेताओं ने गाजा में संघर्षविराम और क्षेत्र में शांति बहाली की अपील की।
यूक्रेन संकट पर भी सम्मेलन में विशेष चर्चा हो रही है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने रूस के खिलाफ सख्त प्रतिबंधों और सैन्य सहायता की मांग की है।
प्रधानमंत्री मोदी की द्विपक्षीय बैठकों के दौरान ऊर्जा, डिजिटल प्रौद्योगिकी, निवेश और वैश्विक दक्षिण के मुद्दों पर सहयोग को लेकर विशेष बातचीत होनी है। कनाडा में बसे भारतीय समुदाय ने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया।
सम्मेलन 17 जून तक जारी रहेगा, जिसमें वैश्विक मुद्दों पर रणनीतिक फैसले लिए जाएंगे और भारत की भागीदारी इसे एक नई दिशा दे सकती है।